Posted in poetry ये वादा Posted on February 21, 2021 by rskoshe वादा। कल का और आज का,निभाने का और टूटने का। आज किया वादा, कल तोड़ दे,परसो खुद संभले और, उन्हे छोड़ दें। जाने अनजाने, कितने वादे किए,कुछ निभाए, कुछ भूल गए। आपसे निवेदन, चाहे कितने वादे भूलिएगा,दूरियां कितने भी बढ़े, हमारे वादे से ना मुकरिएगा।