आगे चलते रहना सभी को ही,
रुकावत नहीं ठहराव चाहिए।
सोचते हैं हम सब की मूकम आ गया,
कम जानते हैं की अब कयाम की बारी है।
फुर्सत में कभी याद कीजेगा,
इन्हीं तमाम लम्हों को।
गुजरे हुए वक्त में ही,
कयामत से किस्मत का वास्ता है।
बीता हुआ कल कभी न भूलना,
आने वाला कल फुर्सत में आएगा।
आज ही है जो अपनो का,
कल संवारे और कल निखारे।
बस इसी तरह मुकाम की खोज में,
कयाम से गुफ्तगू कर लीजिएगा।
